Saturday, May 26, 2018

म्यांमार में हिन्दुओं के नरसंहार के मामले में विश्वसनीय जांच चाहता है अमेरिका !



भाजपा सरकार ऐसी मांग क्यों नहीं करती ? 

  • ऐमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट में रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी द्वारा हिन्दुओं की हत्या की पुष्टि

  • अमेरिका ने इस रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की

  • रिपोर्ट के अनुसार, रोहिंग्या उग्रवादियों ने ९९ हिन्दू महिलाओं-बच्चों का किया कत्ल

वॉशिंगटन : म्यांमार में अराकान रोहिंग्या सॅल्वेशन आर्मीद्वारा (एआरएसए) हिन्दुआें की हत्या को लेकर मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताई ! इस रिपोर्ट पर अमेरिका ने कहा कि म्यांमार के अशांत राखाइन प्रांत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की अविलंब आवश्यकता है !
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मीद्वारा (एआरएसए) हिन्दू ग्रामीणों की हत्या से संबद्ध ऐमनेस्टी की रिपोर्ट से हम बेहद व्यथित हैं। इस रिपोर्ट ने राखाइन प्रांत में हुई हिंसा को लेकर विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया है। जांच के द्वारा ठोस आधार पर सभी तथ्यों को निर्धारित कर म्यांमार हिंसा के दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो और पीड़ितों को न्याय मिले !’
प्रवक्ता ने बताया , ‘अमेरिका इस तरह की रिपोर्ट का लगातार समर्थन करता रहेगा !’ इस सप्ताह शुरुआत में ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बंदूक और तलवारों से लैस रोहिंग्या सशस्त्र विद्रोहियों का समूह ९९ हिन्दू महिलाओं, पुरूषों और बच्चों के नरसंहार के साथ अगस्त २०१७ में अन्य लोगों की हत्याओं के लिये जिम्मेदार है !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के लिए शेख हसीना ने भारत से मांगी मदद


क्या बांग्लादेश देश ने कभी हिन्दुओं के बारे मे सोचा है ? हिन्दुओ पर इतना अत्याचार शायद ही किसी देश में हुआ हो, जितना इस देश मे हुआ है और वैसे भी हिन्दुआें की हत्या करनेवाले रोहिंग्याआें के बारे मे देश कोई समझौता नहीं करेगा और जो करेगा वो देशद्रोही कहलायेगा ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सम्मिलित थे । शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश चाहता है कि अब जितना जल्द हो सके रोहिंग्या शरणार्थी अपने देश वापस लौट जाएं और भारत भी म्यांमार से बात करवाने में मदद करे !
रोहिंग्या शरणार्थियों की बात उठाते हुए बांग्लादेशी शेख हसीना ने भारत की मदद मांगी। उन्होंने कहा, ‘रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में आसरा लिया हुआ है। हमने उन्हें इंसानियत के नाते जगह दी। हम चाहते हैं कि जितनी जल्द हो सके, वे अपने देश लौट जाएं। मैं चाहती हूं कि आप (भारत) म्यांमार से हमारी बातचीत करवाने में मदद करे ताकि वे रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस अपने देश ले जा सकें !’
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

Friday, May 25, 2018

प्रियांका चोपडा पर बोले भाजपा सांसद विनय कटियार, ‘रोहिंग्या समर्थकों को देश में रहने का अधिकार नहीं’



यूनिसेफ की एंबेसडर के तौर पर रोहिंग्या शरणार्थियों से बांग्लादेश में प्रियंका चोपडा के मिलने पर भाजपा नेता विनय कटियार ने फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपडा को भारत छोड़ने को कहा है। रोहिंग्या शरणार्थियों पर कटियार ने कहा कि, वे न सिर्फ दूसरों की जिंदगी छीन लेते हैं, बल्कि दूसरे लोगों का मांस भी खाते हैं। एक दिन भी खराब किए बिना उन्हें यहां नहीं रहने देना चाहिए। उन्हें इस देश से बाहर भगा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘प्रियंका चोपडा को वहां नहीं जाना चाहिए था, ये उनका निजी फैसला हो सकता है। किंतु ये सही नहीं है, जिन लोगों को रोहिंग्याओं से सहानुभूति है, उन्हें इस देश में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’
कटियार ने कहा कि रोहिंग्याओं ने बहुत सारे हिंदुओं को मारा है, इसलिए उनका जीना इस देश के लिए खतरनाक है।

जांच रिपोर्ट में आया था हिंदुओं की हत्या का मामला

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में अपनी एक जांच के बाद जारी रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार में पिछले साल अगस्त में रोहिंग्या मुस्लिम चरमपंथियों ने करीब सौ हिंदुओं को हमले में मार दिया था। बीबीसी ने एमनेस्टी की रिपोर्ट के आधार पर लिखा है कि अराकन रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी (अरसा) नाम के संगठन ने एक या दो समूहों में किए गए कत्लेआम में ९९ हिन्दुओं की जान ले ली।
स्त्रोत : आज तक

Wednesday, May 23, 2018

म्यांमार में रोहिंग्या उग्रवादियों ने हिंदुओं का किया था कत्लेआम : मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंटरनेशनल


  • रोहिंग्यों के लिये आंसू बहाने वाले क्या अब देश को जवाब देंगे ?

  • रोहिंग्या शरणार्थीयों को मिलने बांग्लादेश जानेवाली प्रियांका चोपडा क्या अब इस समाचार पर कुछ कहेगी ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

यंगून – बीते साल म्यांमार के रखाइन राज्य में हुई हिंसा के दौरान रोहिंग्या आतंकियों ने गांव में रहने वाले हिंदुओं का कत्लेआम किया। ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें हिंसा के दौरान हुई मौतों के बारे में यह नया खुलासा हुआ है। मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट में पाया गया है कि यह नरसंहार २५ अगस्त २०१७ को हुआ था, जिसमें ९९ हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया गया। यह वही दिन था जिस दिन रोहिंग्या उग्रवादियों ने पुलिस पोस्ट्स पर हमले किए थे और राज्य में संकट शुरू हो गया था।
उग्रवादियों के हमले के जवाब में म्यांमार की सेना ने ऑपरेशन चलाया जिसकी वजह से करीब ७ लाख रोहिंग्या मुस्लिमों को इस बौद्ध देश को छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार सेना के ऑपरेशन को रोहिंग्याओं का ‘नस्ली सफाया’ बताया। रोहिंग्या उग्रवादियों पर दुर्व्यवहार के भी आरोप लगे। इसमें रखाइन राज्य के उत्तरी हिस्से में हिंदुओं के नरसंहार का मामला भी शामिल है। बीते साल सितंबर में सेना मीडिया रिपोर्टर्स को इस इलाके में ले गई, जहां सामूहिक कब्र मिली।
एएसआरए संगठन के नेता अता उल्लाह (बीच में)
इन उग्रवादियों के संगठन अराकान रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी (ARSA) ने उस समय नरसंहार की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने कहा कि नई जांच से यह स्पष्ट है इस संगठन ने ५३ हिंदुओं को फांसी देकर मार दिया। मरने वालों में अधिकांश खा मॉन्ग सेक गांव के बच्चे थे।
ऐमनेस्टी इंटरनैशनल की तिराना हसन ने कहा, ‘हमारी ताजा जांच से ARSA द्वारा उत्तरी रखाइन में बड़े पैमाने पर किए गए मानवाधिकारों के दुरुपयोग पर प्रकाश पड़ता है, जो मामले अब तक रिपोर्ट नहीं किए गए थे। ये अत्याचार भी गंभीर है।’
इस हिंसा से जान बचाकर भागे ८ लोगों से बातचीत के बाद मानवाधिकार समूह ने कहा कि दर्जनों लोगों को बांध कर, आंख पर पट्टी लगाकर शहर में घुमाया गया। १८ साल की राज कुमार ने ऐमनेस्टी से कहा, ‘उन्होंने पुरुषों का कत्ल कर लिया। हमें उनकी तरफ न देखने को कहा गया…उनके पास चाकू थे। उनके पास लोहे के छड भी थे।’ राज ने कहा कि, झाड़ी में छिपकर उसने अपने पिता, भाई, चाचा की हत्या होते देखा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उसी दिन ये बॉक क्यार नाम के एक दूसरे गांव में ४६ हिंदू पुरुष, महिलाएं और बच्चे गायब हो गए।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

रोहिंग्याआें के प्रश्नों पर ध्यान देने की आवश्यकता ! – अभिनेत्री प्रियांका चोप्रा


अपने ही देश में जिहादियोंद्वारा विस्थापित कश्मिरी हिन्दुआें के विषय में प्रियांका चोप्रा ने क्या एेसा वक्तव्य कभी किया है ? या उनकी समस्या को जानकर लेने का प्रयास किया है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

बॉलिवुड अभिनेत्री और यूनिसेफ की ब्रैंड ऐंबैसडर प्रियंका चोपड़ा हाल ही में बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के एक शिविर में गईं, जिसका एक चित्र उन्होंने अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया। इस फोटो के साथ प्रियंका ने लिखा, ‘मैं यूनिसेफ की आेर से रोहिंग्या शरणार्थियों के कैंप के दौरे पर हूं। मेरे अनुभवों को शेयर करने के लिए इंस्टाग्राम पर फॉलो करें। दुनिया को इनकी देखभाल करने की आवश्यकता है। हमें इनकी देखभाल करने की आवश्यकता है !’ (क्या ‘यूनिसेफ’ने कभी विस्थापित काश्मिरी हिन्दुआें के शरणार्थी केंद्रों का दौरा किया है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति)
इसके बाद लोगों ने प्रियंका के रोहिंग्याओं के शिविर में जाने पर तंज कसते हुए उन्हें जमकर लताडा…
  • एक यूजर ने लिखा, ‘चैरिटी की शुरुआत घर से होती है। तो प्रियंका आप रोहिंग्या शरणार्थियों के कितने बच्चों को गोद ले रही हैं ?’
  • वहीं दूसरे ने लिखा, ‘प्रियंका ने उनमें से एक रोहिंग्या शरणार्थी से शादी करने का फैसला कर लिया है। बस एक यही तरीका है जिससे वह उनकी मदद कर सकती हैं !’
  • वहीं कुछ लोगों में प्रियंका के इस दौरे को पॉलिटिकल स्टंट करार दिया !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

Sunday, May 13, 2018

रोहिंग्या शरणार्थियों में जन्मदर में हुई विस्फोटक वृद्धि : संयुक्त राष्ट्र


UNHCR/Roger Arnold : Rohingya families arrive at a UNHCR transit centre near the village of Anjuman Para, Cox’s Bazar, south-east Bangladesh after spending four days stranded at the Myanmar border with some 6,800 refugees.
संयुक्त राष्ट्र : बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों में जन्म दर में विस्फोटक वृद्धि हुई है और दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई हजारों महिलाओं को शिविरों में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना और मुश्किल हो गया है ! संयुक्त राष्ट्र समाचार पोर्टल ने इसकी जानकारी दी। शुक्रवार को जारी हुए पोर्टल के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया, “बांग्लादेश में समय से पहले पहुंचे मानसून में संयुक्त राष्ट्र की समितियां और उनके सहयोगियों को लगभग सात लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को आपदा और बीमारी से बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है !”
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि विस्थापितों में लगभग ४०,००० गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें ज्यादातर ऐसी हैं जो कुछ हफ्तों में बच्चे को जन्म देनेवाली हैं ! इनमें उन महिलाओं की संख्या ज्यादा है, जिनके साथ म्यांमार सेना और संबद्ध विद्रोहियों ने दुष्कर्म किया था !
पिछले साल २५ अगस्त को रोहिंग्या कार्यकर्ताओंद्वारा म्यांमार के राखाइन प्रांत में सैन्य शिविरों पर हमला करने पर म्यांमार के सुरक्षा बलों तथा स्थानीय संगठनों ने कथित रूप से उनसे प्रतिशोध लिया था। इसके बाद ज्यादातर रोहिंग्या मुस्लिमों को भागकर बांग्लादेश जाना पड़ा था। इस दौरान यौन हिंसा के साथ-साथ हत्या और गांवों को जलाने की घटनाएं दर्ज हुई थीं !
स्त्रोत : इंडिया डॉट कॉम