Thursday, July 26, 2018

रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में लंबे समय तक रहने की अनुमति नहीं : किरण रिजिजू


नई देहली : केंद्र सरकार ने साफ किया है कि रोहिंग्या मुसलमान गैरकानूनी प्रवासी हैं और उन्हें देश में ज्यादा दिन तक नहीं रहने दिया जाएगा । केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को साफ-साफ कहा कि इस मामले में सरकार का नजरिया सबके सामने है ।
रिजिजू ने कहा रोहिंग्या गैरकानूनी प्रवासी हैं और उन्हें भारत में फलने-फूलने का मौका नहीं दिया जाएगा । इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंहने भी कहा है कि केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के पास भारतीय कागजात न हो इसकी पूरी जांच की जाए ।
राजनाथ ने कहा, ‘हमने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि किसी भी रोहिंग्या मुसलमान के पास भारतीय कागजात नहीं हो ताकि हम म्यांमारसे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज म्यांमार के विदेश मंत्री से बात कर सके ।’
पिछले महीने केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर समेत सभी राज्य सरकारों को एक पत्र लिखकर उनसे गैरकानूनी प्रवासियों को देश में घुसने से रोकने को कहा था । बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने हाल की भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की थी और कहा था कि भारत रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने में अहम भूमिका निभा सकता है ।
बता दें कि, रोहिंग्या म्यांमार में अल्पसंख्यक माने जाते हैं । पिछले साल अगस्त में म्यांमार सेना की कार्रवाई के बाद हजारों रोहिंग्या शरणार्थी वहां से भाग गए थे । बाद में वे भारतीय शरणार्थी शिविरों में आकर रहने लगे । रोहिंग्या जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, देहली-एनसीआर और राजस्थान में रह रहे हैं ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

Wednesday, July 11, 2018

शिमला : रोहिंग्याओं को रखा जा रहा काम पर, परंतु इस बात से बेखबर है पुलिस प्रशासन


शिमला : रोहिंग्याओं को भारत सरकार शरणार्थी न मानते हुए देश से बाहर भेजना चाहती है । वहीं, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन्हें काम पर रखा जा रहा है । रोहिंग्या शिमला में पहुंच गए, परंतु पुलिस प्रशासन इस बात से बेखबर है । मामला उजागर करने पर जांच की बात हो रही है, परंतु सवाल यह है कि, जिन रोहिंग्याआें को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है, वे शिमला तक कैसे पहुंच गए ?
नगर निगम शिमला ने पांच वार्डो टुटू, मछयाठ, बालूगंज, कच्चीघाटी व टूटीकंडी में सफाई व्यवस्था को आउटसोर्स किया है । इसके तहत एनके कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया गया है । यह कंपनी जम्मू से रोहिंग्याओं को कूडा एकत्रीकरण के लिए शिमला लेकर आई है । इस कंपनी ने ४० कर्मचारी नियुक्त किए हैं । इनमें रोहिंग्याओं के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश व बिहार से लोगों को कूडा एकत्रित करने के लिए रखा गया है । ये लोग शिमला में घर-घर जाकर कूडा उठाएंगे ।
इससे पहले कि, शिमला में सफाई कार्य शुरू हो, शहर में पहुंचे १२ रोहिंग्याओं ने रहने के लिए अस्थायी ठिकाना तलाश लिया है । अब ये लोग परिवार को लेने जम्मू गए हैं । शिमला में काफी संख्या में बांग्लादेशी भी रह रहे हैं । ये लोग निर्माणाधीन भवनों में लकडी का काम करते हैं । टाइल्स के काम में भी ये माहिर हैं ।
शिमला के उपनगर टुटू में एक रोहिंग्या ने लोगों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का पहचान पत्र दिखाया । लोगों ने रोहिंग्या से बात करने का प्रयास किया तो उसे हिंदी समझ नहीं आ रही थी ।
शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल का कहना है कि, पहचान पंजीकरण के बिना कोई भी शहर में नहीं रह सकता है । रोहिंग्या के आने के मामले में जांच की जाएगी ।
स्त्रोत : जागरण